भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के बारे में
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) फैक्टशीट | |
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स्थापना | 7 नवंबर 1964 (53 साल पूर्व) |
संस्थापक | एम.एन. रॉय, चारू मजूमदार,अबनी मुखर्जी, एवलिन ट्रेंट, मोहम्मद अली, मोहम्मद सिद्दीकी,ज्योति बसु,ई एम एस नंबूदरीपाद |
सीपीआईएम के प्रमुख नेता | एस. रामाचंद्रन पिल्लई,सीताराम येचुरी,बिमान बोस,माणिक सरकार,पिनाराई विजयन,बुद्धदेव भट्टाचार्य,के. वरदराजन,बी.वी. राघवुलु,वृंदा करात (डब्ल्यू),निरुपम सेन,कोडियेरी बालाकृष्णन,एम. ए. बेबी,सूर्या कांत मिश्रा,ए.के.पद्मनाभन |
महासचिव | सीताराम येचुरी |
लोकसभा में सीपीआईएम नेता | पी. करुणाकरन |
राज्यसभा में सीपीआईएम नेता | टी. के. रंगराजन |
पार्टी प्रकार | वाम मोर्चा |
दर्शन | साम्यवाद, मार्क्सवाद-लेनिनवाद |
चुनाव प्रतीक | |
गठबंधन | संयुक्त प्रगतशील गठबंधन,वाम मोर्चा (त्रिपुरा),वाम मोर्चा (पश्चिम बंगाल),वाम डेमोक्रेटिक फ्रंट (केरल),वाम-डेमोक्रेटिक मंच, असम |
पार्टी का प्रकार | राष्ट्रीय पार्टी |
सीपीआईएम युवा विंग | डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया |
छात्र शाखा | स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया |
महिला शाखा | ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन |
श्रम शाखा | सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन |
किसान शाखा | अखिल भारतीय किसान सभा |
लोकसभा में सीटें | 545 में से 9 |
राज्यसभा में सीट | 245 में से 5 |
रंग | लाल |
सदस्यता | 1,048,678 (2016) |
मुख्य कार्यालय का पता | ए.के. गोपालन भवन, 27-29, भाई वीर सिंह मार्ग, नई दिल्ली 110 001 |
फोन नंबर. | (91-11) 23344918, 23363692, 23747435/36 |
फैक्स | (91-11) 23747483 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://www.cpim.org/ |
सीपीआईएम वर्तमान मुख्यमंत्रियों | |
त्रिपुरा | बिप्लाब कुमार देब |
भारत में एक प्रमुख मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल है।यह कम्युनिस्ट राजनीतिक विचारधारा के साथ एक वामपंथी राजनीतिक दल है। यह दल मार्क्स और लेनिन के लेखन से गहराई से प्रभावित हैजो सामाजिक न्याय, सामाजिक समानता तथाव वर्गहीन समाज के विचारों को प्रसारित करता है। यह भारत के मजदूर वर्गों जैसेश्रमिकों,किसानों, कृषिविदों और अन्य लोगों के मुद्दों के लिए लड़नेवाली राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है। इस तरह के संघर्ष के माध्यम से, सीपीआईएम का लक्ष्य 'सर्वहारा वर्ग की तानाशाही' द्वारा शासित समाज को प्राप्त करना है।
पार्टी का जन आधार मुख्य रूप से तीन राज्यों अर्थात् पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा से लिया जाता है। सीपीआईएम वाम मोर्चा गठबंधन का नेतृत्व करती है, जो केंद्र में सत्ताधारी पार्टी का एक प्रमुख विपक्षी है। पार्टी को पिरामिड श्रेणीबद्धसंरचना द्वारा निर्देशित किया जाता है, जिसमें राजनीतिक ब्यूरो के साथ सभी प्रमुख निर्णय और नीतियां शामिल हैं।पार्टी 'लोकतान्त्रिक केंद्रवाद' के सिद्धांतों पर काम करती है। हर कोई सीपीआईएम का पार्टी सदस्य नहीं बन सकता है। शुरूआती सदस्य बनने से पहले, पार्टी द्वारा आयोजित नियमित कक्षाओं के माध्यम से संभावित सहयोगी मार्क्स और लेनिन की शिक्षाओं का अध्ययन करते हैं। पार्टी सदस्यता के क्रम में सबसे छोटा पद शाखा समितियों का है।सीपीआईएम के पहलेमहासचिव पी. सुंदरय्याथे, इसके बाद भारत के सबसे योग नेताओं में से एक, ई.एम.एस.नंबूदिरीपादमहासचिव बने।वर्तमान महासचिव सीताराम येचुरीहैं।
चुनाव चिन्ह और इसका महत्व
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम)का चुनाव चिन्ह, जैसा कि भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया है, हथौड़ा और हसिया है, जो एक-दूसरे कोभेदते है। यह आमतौर पर एक लाल रंग के ध्वज पर चित्रित किया गया है, जो संघर्ष का रंग है तथा किसी भी कम्युनिस्ट पार्टी का प्रतीक है।यह चिन्ह काफी हद तक सीपीआई द्वारा उपयोग किए गए प्रतीक के समान हैक्योंकि इनकी विचारधाराएं एक दूसरे से अलग नहीं हैं। भेदन करता हुआ हथौड़ा और हसियाका प्रतीक बहुत महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि सीपीआईएम किसानों, मजदूरों की एक पार्टी है, हसिया जीविका कमाने के लिए खेतों में काम करने और हथौड़ा मजदूर वर्ग की स्थितियों को दर्शाता है।खेत में मकई और अन्य सभी फसलों को काटने के लिए हसिया का उपयोग किया जाता है।ये अनिवार्य रूप से कृषि उपकरण और हथियार हैं। किसान खेतों में कठिन परीश्रम करते हैंऔर दिन के अंत में उन्हेंवेतन के रूप में बहुत ही कम धनराशि मिलती है। दूसरे शब्दों में, किसानों को समाज के पूंजीपति वर्गों द्वारा शोषित किया जाता है।यह संघर्ष सीपीआईएम द्वारा दर्शाया गया है। यह समाज में उत्पीड़ित गरीबों की एक पार्टी है।सीपीआईएम, देश भर में मौजूद ट्रेड यूनियनों के समर्थन में, मार्क्सवादी विचारधाराओं और प्रथाओं के माध्यम से, श्रमिकों के मुद्दों को संबोधित करता है। यह देश भर में विरोधी पूंजीवादी और वैश्वीकरण विरोधी नीतियों और योजनाओं का प्रतीक है।इसलिए सीपीआईएम वामपंथी राजनीतिक दल में प्रमुख भूमिका निभाता है व यह प्रतीक बहुत ही महत्वपूर्ण है।
सीपीआईएम के राष्ट्रीय अधिकारी वर्ग
सीपीआईएम के नेता, जो उनके राष्ट्रीय प्रतिनिधि और अधिकारी भी हैं, निम्नलिखित हैं:- सीपीआईएम केवरिष्ठ नेताप्रकाश करात -करात 1992 में पोलित ब्यूरो के सदस्य बने। वह सीपीआईएम की सबसे प्रमुख छात्र शाखा, भारतीय छात्र संघ (एसएफआई) के संस्थापकों में से एक थे।
- सीपीआईएम के महासचिवसीताराम येचुरी -सीताराम येचुरी (जन्म 12 अगस्त 1952) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एक नेता है। वह भाकपा (एम) के जनरल सेक्रेटरी और पार्टी के संसदीय समूह के नेता है। 19 अप्रैल 2015 से महासचिव के रूप में निर्वाचित किया गया था। 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- बासुदेव आचार्य, सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता CPIM -बसुदेव आचार्यएक भारतीय राजनेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) राजनीतिक दल के नेता हैं।हालांकि बासुदेव आचार्य मूल रूप से तमिलनाडु सेहै लेकिनआचार्य स्वयं को बंगाली मानते हैं। वह सीआईपीयू के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष थे, जो सीपीआईएम का श्रमिक संघ था। वह पश्चिम बंगाल में उद्योग मंत्रालय केएक महत्वपूर्ण सदस्य भी रहे हैं।
- माणिक सरकार - माणिक सरकार' त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मार्च 1998 से वे इस पद पर थे। वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से संबद्ध हैं तथा पार्टी पोलितब्यूरो के सदस्य भी हैं।2013 के विधानसभा चुनावों के बाद वे लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बने।माणिक सरकार बहुत ही कम उम्र में पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए थे। वह देश के सबसे सफल और ईमानदार मुख्यमंत्रियों में से एक माने जाते है।
उपलब्धियां
एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम) ने देश के राजनीतिक परिदृश्य में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं:- सीपीआईएम ने पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा राज्यों में अपनी मजबूत स्थिति बनायी, जहाँ यह वाम मोर्चा का हिस्साऔर केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट का हिस्सारही है। इनमें से प्रत्येक गठबंधन पूरे भारत में कम्युनिस्ट पार्टियों का है। सीपीआईएम ने 2011 तक 34 साल लगातार पश्चिम बंगाल पर शासन किया। 2011 के विधानसभा चुनावों में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने सीपीआईएम के बाद सत्ता संभाली। मणिक सरकार की अध्यक्षता में त्रिपुरा में सीपीआईएम ने शासन किया।
- सीपीआईएम के पास कई प्रमुख श्रमिक संगठन हैं जैसे कि श्रम शाखाका सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन(सीआईटीयू) नामक, किसान शाखा का अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) तथाछात्र शाखा काभारतीय छात्र संघ (एसएफआई) और युवा शाखा काडेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई)। इनमें से प्रत्येक ने समाज के गरीब और मजदूर वर्ग के कल्याण में अपनामहत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- सीपीआईएम ने ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) के अपने सक्रिय संगठन के माध्यम से देश में महिलाओं के कल्याण केलिए प्रमुख योगदान दिया है।एडवा(ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन)ने समाज की महिलाओं को जागरूक करने के लिए राजनीतिक रैलियों और सड़क-नाटकों का आयोजन किया।
- वाम मोर्चा के हिस्से के रूप में सीपीआईएम ने कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार के कई एजेंडों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई । हालांकि शुरुआत में यूपीए के सहयोग से, सीपीआई ने तब समर्थन वापस ले लिया जब कांग्रेस संयुक्त राज्य- भारत शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा सहयोग अधिनियम के साथ आगे बढ़ी।
संपर्क विवरण
सीपीआईएमकी आधिकारिक वेबसाइट-http://www.cpim.org/सीपीआईएम का पता-ए.के. गोपालन भवन
27-29, भाई वीर सिंह मार्ग, नई दिल्ली 110 001
संपर्क संख्या-फोन:(91-11) 23344918, 23363692, 23747435/36
फैक्स:(91-11) 23747483
ईमेल आईडी: [email protected]
सीपीएम लोकसभा और विधानसभा चुनाव परिणाम वर्षवार
Lok Sabha | Vidhan Sabha | |||||
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राज्य | नवीनतम वर्ष | सीटें जीती | नवीनतम वर्ष | सीटें जीती | ||
जम्मू और कश्मीर | 2014 | 0 | 2014 | 1 | ||
केरल | 2014 | 5 | 2011 | 45 | ||
महाराष्ट्र | 2014 | 0 | 2014 | 1 | ||
ओडिशा | 2014 | 0 | 2014 | 1 | ||
तमिलनाडु | 2014 | 0 | 2011 | 10 | ||
तेलंगाना | 2014 | 0 | 2014 | 1 | ||
त्रिपुरा | 2014 | 2 | 2013 | 49 | ||
पश्चिम बंगाल | 2014 | 2 | 2011 | 40 |
23 अक्टूबर, 2018 को अंतिम अपडेट किया गया