एम. वेंकैया नायडू की जीवनी





मुप्पवरपु वेंकैया नायडू

मुप्पवरपु वेंकैया नायडू

जन्म तिथि1 जुलाई, 1949
जन्म स्थानचावातापलेम, नेल्लोर
राजनीतिक पार्टीबीजेपी
धर्महिन्दू
शिक्षाराजनीति और राजनयिक में बी.ए, अंतरराष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता के साथ कानून में स्नातक की डिग्री
व्यवसायकृषिविद, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पत्नी का नामउषा
बच्चे1 बेटा 1 बेटी
संभाले गए पदभारत के 13 वें उपराष्ट्रपति (कार्यालय 11 अगस्त 2017)
सूचना एवं प्रसारण मंत्री (5 जुलाई 2016 - 17 जुलाई 2017)
संसदीय मामलों के मंत्री (26 मई 2014 - 5 जुलाई 2016)
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष (1 जुलाई 2002 - 5 अक्टूबर 2004)
ग्रामीण विकास मंत्री (30 सितंबर 2000 - 30 जून 2002)
राजस्थान के लिए राज्यसभा के सदस्य (5 जुलाई 2016 - 10 अगस्त 2017)
कर्नाटक के लिए राज्य सभा के सदस्य (1 99 8-2016)

वेंकैया नायडू के बारे में

एक छात्र नेता और एक मुखर वक्ता, मुप्पवरपु वेंकैया नायडू भारतीय राजनीति के प्रमुख व्यक्तित्व हैं। वेंकैया नायडू भारत के उपराष्ट्रपति हैं। नायडू जी बचपन से ही राजनीति में रूचि रखते है।आम आदमी, गरीब और दलित लोगों की दुर्दशा से नायडू जी भलीभाँति परिचित है।इन्होंने अपने समुदाय के लोगों के लिए कड़ी मेहनत की है तथा गरीबों की सेवा करने के लिए कई योजनाएं शुरू की और अपने शहर नेल्लोर के गरीबों और कमजोर लोगों की सेवा करने के लिए एक सामाजिक सेवा संगठन "स्वर्ण भारत ट्रस्ट" लॉन्च किया है।इन्होंने आम लोगों कीपरेशानियों के लिए बहुत से कार्य किए है क्योंकि इनके निचले वर्ग की पारिवारिक जड़ इन्हें आम लोगों के प्रति सहानुभूति रखने में शक्ति देती है।

वेंकैया नायडू का परिवार और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

एम. वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई1949 कोआंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के एक दूरस्थ गांव चावातापलेम में एक किसान परिवार श्री रंगैया नायडू और श्रीमती रामनम्मा के यहाँ हुआ था।14 जुलाई 1971 को श्री वेंकैया नायडू ने श्रीमती उषा से विवाह किया और इनके एक बेटी और एक बेटा है।वह साधारण लोगोंके साथ, विशेष रूप से किसानों और पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याओं को गहराई से सहानुभूति व्यक्त कर सकते थे, क्योंकि वह स्वयं निचले वर्ग के परिवार से संबंधित थे।इन्होंने पार्टी को "बैक टू विलेज" का नारा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।बचपन से श्री वेंकैया नायडू राजनीति में रूचि रखते थे। इन्होंने वीआर हाईस्कूल में दाखिला लिया और 1973 में छात्र नेता के रूप में एबीवीपी में शामिल हो गए। अपनीस्पष्टवादीप्रकृति और महान संचार कौशल के कारण श्री नायडू ने बहुत लोकप्रियता प्राप्त की।

शिक्षा

राजनीति में श्री वेंकैया नायडू कीबचपन से थी।इन्होंने नेल्लोर के वी.आर. हाई स्कूल में दाखिला लिया। इन्होंने वी.आर.कॉलेज से राजनीति और राजनयिक अध्ययन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद श्री नायडू नेआंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ,विशाखापत्तनम से अंतर्राष्ट्रीय कानून में विशेषज्ञता के साथ कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। एक मुखर वक्ता होने के नाते वह कॉलेज के दिनों में ही भाजपा में शामिल हो गए और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवक बन गए।श्री नायडू एक उत्साही पाठक हैं और इन्होंने सार्वजनिक और राजनीतिक हितों में कई लेखप्रकाशित किए हैं।इन्होंने अलुपेरुगानी गालम, वीरामामेरुगनी पयनम नामक पुस्तक भी लिखी है।

वेंकैया नायडू का राजनीतिक करियर

एक शानदार वक्ता और राजनीति में गहरी रूचि के साथ, श्री नायडू 1973 में छात्र नेता के रूप में एबीवीपी में शामिल हो गए।वह 1972 के जय आंध्र आंदोलन में अपनी प्रमुख भूमिका के लिए सुर्खियों में आए।श्री नायडू ने आपातकाल के खिलाफ विरोध किया, मौलिक अधिकार के लिए लड़े और यहां तक कि आपातकाल के दौरान भी जेल भीगए। इन्होनें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय रूप से भाग लिया था और अपने कॉलेज के दिनों में एबीवीपी में शामिल हो गए। श्री वेंकैया नायडू ने दूसरी बार कैबिनेट मंत्री के रूप में पदभार संभाला।इन्होंने 2002 से 2004 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। अटलबिहारी वाजपेयी सरकार (2002) में श्री वेंकैया नायडू ग्रामीण विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री थे।ग्रामीण भारत के चेहरे को बदलने के लिए, इन्होंने तीन प्रवृत्त रणनीति तैयार की थी। 2004 तक, श्री नायडू ने 14 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों की स्थापना भी की थी।इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन, शहरी विकास,सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य किया।अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने ग्रामीण वर्ग के विकास के लिए कई योजनाएं और सुधारों की शुरुआत की हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक ऐसी ही योजना थी। इन्होंने ग्रामीण विकास से संबंधित कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ने की कोशिश की। श्री वेंकैया नायडू ने अपने नेल्लोर शहर के गरीबों और दलित लोगों की सेवा करने के लिए एक सामाजिक सेवा संगठन "स्वर्ण भारत ट्रस्ट" की भी शुरुआत की।इन्हें राजस्थान से राज्यसभा के लिए बीजेपी द्वारा मनोनीत और निर्वाचितकिया गया था। इन्होंने उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। नायडू ने किसानों, ग्रामीण लोगों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।वह 2014-2017 से शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और संसदीय मामलों के मंत्री थे। इन्होंने 2016-2017 से सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य किया। हाल ही में इन्होंने उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता हैं जो 5 अगस्त, 2017 को हुए थे।

राजनीति के अलावा

अपने कार्यकाल के दौरान, इन्होंने ग्रामीण वर्गों के विकास के लिए कई सुधार और योजनाओं की शुरु कीं। इन्हीं में से एक योजना ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ थी। नायडू ने ग्रामीण विकास से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जोड़ने की भी कोशिश की।अपने गृह नगर नेल्लोर के गरीब और दलित लोगों की सेवा के लिए, नायडू जी ने 'स्वर्ण भारत ट्रस्ट' नामक एक सामाजिक सेवा संगठन की शुरुआत की। ट्रस्ट जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है।यह महिलाओं और युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।


वेंकैया नायडू की राजनीतिक यात्रा

  • वह 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा संघ के अध्यक्ष थे।
  • 1978 से 1985 तक लगातार दो बार आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य।
  • वह 1985 में आंध्र प्रदेश में पार्टी के महासचिव बने। 1988 में इन्हें राज्य पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • नायडू जी तीन बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए और 1998 से 2014 तक सेवा की।
  • 2000 से 2002 तक नायडू जी ने ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्य किया।
  • 2002 में इन्हें राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
  • 26 मई 2014 को, नायडू जी ने केंद्रीय शहरी विकास और संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में शपथ ली।
  • 5 अगस्त2017 को, श्री मुप्पवरपु वेंकैया नायडू भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए।
Last Updated on September 26, 2018