1. सरकार में सबसे ज्यादा शाक्तियाँ कौन रखता है?
संविधान के अनुच्छेद 53 (1) के अनुसार, सबसे ज्यादा शक्तियाँ भारत के राष्ट्रपति के पास होती हैं। राष्ट्रपति सभी प्रकार की संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग अपने व अपने अधीनस्थ क्रमबद्ध श्रेणी के अधिकारियों के लिए करते हैं। राष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री (सरकार के मुखिया) और मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) द्वारा प्रदान की गई सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करता है।
2. भारत में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव क्या हैं?
नगर पालिका का चुनाव एक शहरी स्थानीय निकाय होता है जो छोटे और 100,000 या उससे अधिक जनसंख्या वाले बड़े शहरों के प्रशासनिक नियंत्रण पर अधिकार रखता है। नगर पंचायत के चुनावों को शहरी केंद्रों में 11,000 से अधिक और 25,000 से कम निवासियों के साथ अधिसूचित क्षेत्र परिषद के रूप में भी जाना जाता है।
जिला परिषद का चुनाव एक निर्वाचित निकाय है जिसके सदस्य को वयस्क मताधिकार के द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुना जाता हैं। इसमें न्यूनतम 50 और अधिकतम 75 सदस्यों की आवश्यकता होती है।
ग्राम पंचायत चुनाव: ग्राम पंचायत के चुनावों के लिए गांव की जनसंख्या का 500 तक होनी अनिवार्य है। इसके सदस्यों को ग्रामीणों द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुना जाता है। ग्राम पंचायत के चुनाव जिला कलेक्टर और तहसीलदार के सहयोग से राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
पंचायत समिति का चुनाव ग्राम पंचायत के प्रमुख व निर्वाचित सदस्यों से सम्बंधित है जिसमें ब्लाक क्षेत्र व ग्राम पंचायत के प्रमुख, लोकसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा और राज्य विधायिका शामिल हैं।
3. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्या है?
सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, देश के सभी नागरिकों को धर्म, वर्ग, रंग या लिंग के भेदभाव के बिना वोट देने का अधिकार देती है। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर आधारित है जो सभी के लिए समान है। किसी भी व्यक्ति को वोट देने के अधिकार से इनकार करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
4. आम चुनाव और विधानसभा चुनावों के बीच क्या अंतर है?
संसद के सदस्यों के चयन के लिए हर पांच साल में आम चुनावों का आयोजन होता हैं। संसद उन लोगों का प्रतिनिधि हैं जो सीधे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा चुने जाते हैं। आम चुनावों को कई चरणों में आयोजित किया जाता हैं। सभी राज्यों में चुनाव हो जाने के बाद ही परिणाम घोषित किये जाते हैं। राष्ट्रीय बहुमत जीतने वाले राजनीतिक दल के नेता को देश के प्रधानमंत्री (देश के प्रधानमंत्री) के रूप में चुना जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिए
भारत में विधानसभा चुनावों का आयोजन प्रत्येक राज्य में हर 5 साल में होता हैं और इसमें भारतीय मतदाता विधान सभा के सदस्यों का चयन किया जाता हैं। निर्वाचित सदस्य को विधायक कहा जाता है। विधानसभा चुनाव समान वर्ष में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अयोजित नहीं किए जाते हैं। जो पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ जीतती है वह राज्य में अपनी सरकार बना सकती है। तब बहुमत प्राप्त पार्टी एक उम्मीदवार का चयन करती है जिसने राज्य के चुनावों में हिस्सा लिया हो।
5. भारत में कौन मतदान कर सकता है?
18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जो देश का नागरिक हो वह भारत में मतदान कर सकता है।
6. मतदाता पहचान पत्र क्या है?
मतदाता पहचान पत्र जिसे चुनाव कार्ड के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया पहचान का एक दस्तावेज होता है। इस कार्ड का उपयोग नगर, राज्य या राष्ट्रीय चुनावों में अपना वोट डालने के दौरान भारतीय नागरिकों के पहचान प्रमाण के रूप में किया जाता है। मतदाता पहचान पत्र का प्रयोग पहचान, पता और ड्राइवरी लाइसेंस जैसे कई उपयोगी कार्यो के लिए भी किया जाता है।
7. अनुच्छेद 370 क्या है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता दी गई है। यह अनुच्छेद राज्य को विशेष दर्जा देता है: इस अनुच्छेद के अन्तर्गत कश्मीर के निवासियों की नागरिकता, संपत्ति स्वामित्व और अन्य अधिकारों के मामले में अलग कानून बनाए गए हैं। वित्त, रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़कर, केंद्र सरकार को अन्य सभी कानूनों को लागू करने के लिए राज्य सरकार की सर्वसम्मति की आवश्यकता होती है।
8. एक राजनीतिक दल कैसे पंजीकृत होता है?
एक राजनीतिक दल के रूप में पहचान बनाने की दिशा में पहला कदम भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत करना है। किसी भी पार्टी के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य है, जिसके बाद ही वह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का लाभ उठा सकता है।
9. मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया क्या है
विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद जिस राजनैतिक दल या गठबंधन को बहुमत प्राप्त होता है उसके विधायक पार्टी बैठक में किसी एक नेता के नेतृत्व में सरकार बनाने की घोषणा करते है जिसकी नियुक्ति राज्यपाल करता है।
10. ईवीएम क्या हैं?
चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने और वोटों की निष्पक्ष गिनती सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की शुरुआत की गई हैं। ईवीएम पुराने पेपर मतपत्र प्रणाली की अपेक्षा काफी बेहतर साबित हुए हैं।
11. सरकार के लिए बाहरी समर्थन क्या है?
बाहरी समर्थन का अर्थ है किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करना जिसके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त करने का अवसर है, लेकिन कोई भी पद लेने और उस सरकार में शामिल हुए बिना बाहरी समर्थन प्रदान करना है।
12. एक क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय / राज्य पार्टी कैसे बन सकती है?
एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पहचाने जाने योग्य हो सकती है यदि वह निम्न में से किसी भी नियम को पूरा करने में सक्षम है:
मतदाता भारत के नागरिक है जो मतदान करने के पात्र हैं। इसकी तीन मुख्य श्रेणियाँ हैं।
1. सामान्य मतदाता - भारत के निवासी जो मतदान केंद्र में मतदान कर सकते हैं।
2. सेवा मतदाता- भारत के निवासी जो भारत सरकार के लिए अपने घर से दूर हैं या सशस्त्र बलों में हैं।
3. विदेशी मतदाता- गैर-आवासीय भारतीय जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है।
14. कौन सामान्य निर्वाचक के रूप में पंजीकृत होने के पात्र होते हैं?
एक सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य होने के लिए, व्यक्ति को होना चाहिए:
वह भारत का नागरिक हो,
मतदाता की सूची के सशोधन वाले वर्ष के पहले दिन तक उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो।
भारत का निवासी होना चाहिए,
भारत के जिस चुनावी क्षेत्र में वह निवास करता हो वहाँ की मतदाता सूची में उसे पंजीकृत होना चाहिए।
15. प्रारूप 6 क्या है?
प्रारूप 6 भारतीय नागरिकों के लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया एक आवेदन पत्र है जिसे भरकर आप मतदाता सूची की पंजीकृत हो सकते हैं।
यह आवेदन पत्र आमतौर पर उस क्षेत्र के लिए भरा जाता है जिस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता निवास करता हो।
16. प्रारूप 6 कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
प्रारूप 6 प्राप्त करने के दो तरीके हैं-
भारत के निर्वाचन आयोग (www.eci.nic.in/) की वेबसाइट पीडीएफ प्रारूप में है। इसे आसानी से डाउनलोड और प्रिंटेड किया जा सकता है।
जिस क्षेत्र में मतदाता निवास करता है वहाँ के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी या मतदान क्षेत्र के सहायक या बूथ स्तर अधिकारी के कार्यालय में भी प्रारुप 6 उपलब्ध है। इस प्रारुप को प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है।
17. प्रारूप 6 के साथ कौन से प्रपत्रों को संलग्न करने आवश्यकता होती है?
प्रारूप 6 भरते समय मतदाता को कुछ प्रपत्रों को साथ में जमा करने की आवश्यकता होती है।
आवश्यक प्रपत्रों की एक सूची यहाँ दी गई है-
1. हाल ही में (नई) ली गई एक पासपोर्ट साइज फोटो (फॉर्म में प्रदान की गई जगह में चिपकानी चाहिए)।
2. आयु प्रमाण की फोटोकॉपी (जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल मार्क शीट या प्रवेश पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस, जो जन्मतिथि की तारीख का उल्लेख करता हो)
3. निवास प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी (डाकघर या बैंक द्वारा जारी वर्तमान पास बुक, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आयकर निर्धारण आदेश, भारतीय डाक विभाग, हालिया टेलीफोन बिल, गैस या बिजली बिल और नवीनतम किराया अनुबंध)।
18. क्या भारत का गैर-नागरिक भारत में चुनाव लड़ सकता है?
नहीं, एक गैर भारतीय नागरिक, भारत का चुनावी उम्मीदवार नहीं हो सकता है। संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के अनुसार, संसद की सीट के लिए केवल भारत का ही नागरिक चुना जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 173 (ए) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार राज्य विधान सभाओं के लिए भी यही नियम है।
19. प्रवासी (एनआरआई) मतदाता कौन है?
काम, शिक्षा या किसी अन्य कारण के लिए देश के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को विदेशी (एनआरआई) मतदाताओं के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं। ऐसे अनिवासी भारतीयों को केवल मतदाताओं के रूप में ही वर्गीकृत किया गया हैं अगर उन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है तो।
20. क्या विदेशी भूमि पर बसे हुए एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भारत में निर्वाचक नामावली के निर्वाचक हो सकते हैं?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (धारा 20 ए) में एक प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि "एक विदेशी भूमि में एक अनिवासी भारतीय भारत में निर्वाचक नामावली का निर्वाचक हो सकता है’’। एनआरआई के पास एक वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए जो भारत में उसके निवास स्थान का उल्लेख करता हो।
21. क्या भारत का गैर-नागरिक भारत में निर्वाचक नामावलियों में मतदाता हो सकता है?
नहीं, भारत में मतदान केवल भारत के नागरिकों तक ही सीमित है। दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को भारतीय निर्वाचन में में वोट देने या पंजीकरण करने का अधिकार नहीं हैं। ऐसे लोग जो पहले भारतीय नागरिक थे, लेकिन अब उन्होनें किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है तो उन्हें भी यह अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
22. मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य कौन है?
भारत में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने की पात्रता निम्नलिखित है-
वह भारत का नागरिक होना चाहिए
निर्वाचक नामावली के अनुसार उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
वर्तमान समय में वह जिस स्थान पर निवास करता हो, उसके पास वहां का निवास प्रामणपत्र होना चाहिए।
23. नोटा क्या है?
नोटा ‘‘इनमें से कोई नहीं" का संकेत है। इसे हाल ही में भारत के निर्वाचन आयोग ने जारी किया है। 27 सितंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में उम्मीदवारों की सूची के अंत में "उपरोक्त में से कोई नहीं" नोटा का विकल्प दिया गया है। इसका प्रयोग वे मतदाता करते है जिनके पास वोट डालने का तो अधिकार है लेकिन वे किसी भी उम्मीदवार को योग्य नहीं मानते है।
24. वीवीपीएटी क्या है?
वीवीपीएटी मतदाता सत्यापन योग्य कागज लेखपरीक्षा चिन्ह प्राणाली के लिए एक संक्षिप्त शब्द है। यह एक मशीन है मतदाता जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में अपना वोट डालते है, उसके बाद इस मशीन से एक पर्ची निकलती है। यह पेपर पर्ची उम्मीदवार और चुनाव चिन्ह को दर्शाती हैं कि मतदाता ने अपना वोट किसको दिया है।
25. क्या कारागार में बंद व्यक्ति चुनावों में मतदान कर सकता है?
नहीं, कारागार में बंद व्यक्ति भारतीय चुनाव में मतदान नहीं कर सकता है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार, धारा 62 (5), जेल में बंद व्यक्ति ‘‘कारावास या परिवहन, अन्यथा पुलिस की वैध हिरासत में सजा के तहत’’ चुनाव में वोट डालनें का अधिकार नहीं हैं।
26. चुनाव के लिए कितनी सुरक्षा जमा राशि की आवश्यकता होती है?
एक आम उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव के लिए पच्चीस हजार रुपये (25,000 रुपये) की सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना पड़ता है। केवल अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति) के उम्मीदवारों को 12 हजार पांच सौ रुपये (केवल 12,500 रुपये) की छूट दी जाती हैं।
27. किन उम्मीदवारों को जमा राशि खोनी पड़ती है?
ऐसे उम्मीदवारों ‘‘जो निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किए गए वैध वोटों में से, कम से कम छठे हिस्से को प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं’’ उनको अपनी जमा सुरक्षा राशि खोनी पड़ती हैं।
28. क्या उम्मीदवार अपने चुनाव में मन मुताबिक पैसा खर्च करने के लिए स्वतंत्र है?
नहीं, कोई भी उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार पर मन मुताबिक पैसा खर्च नहीं कर सकता है। चुनाव नियमावली 1961, के नियम 90 के उम्मीदवारों के खर्चे का उल्लेख करता हैं। निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवार को, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (6), के तहत भ्रष्ट करार दिया जाता है।
29. क्या कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बार वोट कर सकता है, यदि उसका नाम एक से अधिक स्थानों पर (गलत तरीके से) शामिल हो?
नहीं, एक बार से अधिक मतदान करना कानूनन अपराध है, भले ही एक मतदाता का नाम एक से अधिक स्थानों पर गलती से या गलत तरीके से पंजीकृत हो।
30. यदि कोई उम्मीदवार निर्वाचन में अपने खर्च का ब्यौरा दर्ज नहीं करता है, तो जुर्माना क्या है?
अगर उम्मीदवार निर्वाचन नियमावली को अपने खर्च का ब्यौरा नहीं देता है तो 3 साल की अवधि के लिए उसकी ‘‘संसद भवन, विधानसभा और राज्य विधान परिषद की’’ सदस्यता भंग कर दी जाती है।
31. राजनीतिक दल पंजीकरण के लिए क्या प्रक्रिया है?
राजनीतिक दल पंजीकरण की प्रक्रिया निम्नानुसार है-
1.चुनाव आयोग नई राजनीतिक दलों के लिए एक निर्देशन पत्र जारी करता है। इसे आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या नई दिल्ली में स्थित आयोग कार्यालय से व्यक्तिगत रूप से प्राप्त किया जा सकता है।
2. आवेदन निर्धारित निर्देशन पत्र के अनुसार होना चाहिए, जो राजनीतिक पार्टी के लेटर हेड पर अच्छी तरह से टाइप किया गया हो।
3. आवेदन 10,000 / - रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ होना चाहिए, जो गैर-वापसी योग्य प्रसंस्करण शुल्क है। आवेदन ड्राफ्ट भारत, नई दिल्ली के सचिव चुनाव आयोग के अनुसार होना चाहिए।
4. आवेदन में पार्टी के नियमों और विनियमों की सूची, सदस्यों और उनके विवरण, बैंक खाते के विवरण, पार्टी के नाम पर जारी पैन नंबर और उनके नियोजन का ज्ञापन में उल्लेख करना चाहिए।
5. आवेदन और संबंधित दस्तावेजों को पार्टी के गठन तिथि से 30 दिनों के भीतर ही भारत के निर्वाचन आयोग के सचिव के पास जमा कराया जाना चाहिए।
32. पार्टी की स्वीकृति के लिए मानदंड क्या हैं?
राज्य स्तर पर एक राजनीतिक दल की मान्यता के लिए मानदंड इस प्रकार है-
पार्टी को लगातार पांच साल तक राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय होना चाहिए।
पार्टी विधानसभा या राज्य की विधान परिषद में प्रतिनिधित्व का एक अहम हिस्सा होना चाहिए।
पिछले आम चुनाव में पार्टी को वैध वोटों की कुल संख्या में से कम से कम छह प्रतिशत तक वोट प्राप्त होना चाहिए।
राष्ट्रीय स्तर पर एक राजनीतिक दल की मान्यता के लिए मानदंड इस प्रकार है –
पार्टी को कम से कम चार भारतीय राज्यों में मान्यता प्राप्त हो और नियमित रूप से राजनीतिक गतिविधि में शामिल होती हो।
33. ईसीआई की क्या भूमिका हैं?
भारत का निर्वाचन आयोग देश के संविधान के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है जिसका गठन देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। चुनाव को सुनिश्चित करने में इसकी कई भूमिकाएं होती है इसका उद्देश्य भारत के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में शंति पूर्ण तरीके से चुनाव कराना हैं। ईसीआई की भूमिकाओं की एक सूची यहां पर दी गई है-
निर्वाचन नियमावली के पंजीकरण का अनुरक्षण करना।
मतदाताओं को अपने अधिकारों और मतदान की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करना।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण।
राजनीतिक दलों के लिए कानूनों का विनियमन।
मतदान क्षेत्रों और निर्वाचन क्षेत्रों को जारी करना और उनकी गणना करना।
प्रत्येक मतदान केंद्र और क्षेत्र में काम कर रहे अधिकारियों की नियुक्ति और अनुरक्षण करना।
मतदान के तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन।
34. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कौन करता है?
राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा चुने हुए प्रत्याशियों (विधायक) द्वारा किया जाता है। यह चुनाव प्रणाली "हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व" है।
35. पहले आम चुनाव में लोकसभा की कुल कितनी संख्या थी?
पहले आम चुनाव में लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या 489 थी।
स्रोत लिंक: https://www.eci.nic.in/eci_main1/FAQs_25102013.aspx
संविधान के अनुच्छेद 53 (1) के अनुसार, सबसे ज्यादा शक्तियाँ भारत के राष्ट्रपति के पास होती हैं। राष्ट्रपति सभी प्रकार की संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग अपने व अपने अधीनस्थ क्रमबद्ध श्रेणी के अधिकारियों के लिए करते हैं। राष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री (सरकार के मुखिया) और मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) द्वारा प्रदान की गई सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करता है।
नगर पालिका का चुनाव एक शहरी स्थानीय निकाय होता है जो छोटे और 100,000 या उससे अधिक जनसंख्या वाले बड़े शहरों के प्रशासनिक नियंत्रण पर अधिकार रखता है। नगर पंचायत के चुनावों को शहरी केंद्रों में 11,000 से अधिक और 25,000 से कम निवासियों के साथ अधिसूचित क्षेत्र परिषद के रूप में भी जाना जाता है।
जिला परिषद का चुनाव एक निर्वाचित निकाय है जिसके सदस्य को वयस्क मताधिकार के द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुना जाता हैं। इसमें न्यूनतम 50 और अधिकतम 75 सदस्यों की आवश्यकता होती है।
ग्राम पंचायत चुनाव: ग्राम पंचायत के चुनावों के लिए गांव की जनसंख्या का 500 तक होनी अनिवार्य है। इसके सदस्यों को ग्रामीणों द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुना जाता है। ग्राम पंचायत के चुनाव जिला कलेक्टर और तहसीलदार के सहयोग से राज्य चुनाव आयुक्त द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
पंचायत समिति का चुनाव ग्राम पंचायत के प्रमुख व निर्वाचित सदस्यों से सम्बंधित है जिसमें ब्लाक क्षेत्र व ग्राम पंचायत के प्रमुख, लोकसभा के निर्वाचित सदस्य, राज्यसभा और राज्य विधायिका शामिल हैं।
3. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्या है?
सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, देश के सभी नागरिकों को धर्म, वर्ग, रंग या लिंग के भेदभाव के बिना वोट देने का अधिकार देती है। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर आधारित है जो सभी के लिए समान है। किसी भी व्यक्ति को वोट देने के अधिकार से इनकार करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
4. आम चुनाव और विधानसभा चुनावों के बीच क्या अंतर है?
संसद के सदस्यों के चयन के लिए हर पांच साल में आम चुनावों का आयोजन होता हैं। संसद उन लोगों का प्रतिनिधि हैं जो सीधे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा चुने जाते हैं। आम चुनावों को कई चरणों में आयोजित किया जाता हैं। सभी राज्यों में चुनाव हो जाने के बाद ही परिणाम घोषित किये जाते हैं। राष्ट्रीय बहुमत जीतने वाले राजनीतिक दल के नेता को देश के प्रधानमंत्री (देश के प्रधानमंत्री) के रूप में चुना जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिए
भारत में विधानसभा चुनावों का आयोजन प्रत्येक राज्य में हर 5 साल में होता हैं और इसमें भारतीय मतदाता विधान सभा के सदस्यों का चयन किया जाता हैं। निर्वाचित सदस्य को विधायक कहा जाता है। विधानसभा चुनाव समान वर्ष में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अयोजित नहीं किए जाते हैं। जो पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ जीतती है वह राज्य में अपनी सरकार बना सकती है। तब बहुमत प्राप्त पार्टी एक उम्मीदवार का चयन करती है जिसने राज्य के चुनावों में हिस्सा लिया हो।
5. भारत में कौन मतदान कर सकता है?
18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति जो देश का नागरिक हो वह भारत में मतदान कर सकता है।
मतदाता पहचान पत्र जिसे चुनाव कार्ड के रूप में भी जाना जाता है, जो भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया पहचान का एक दस्तावेज होता है। इस कार्ड का उपयोग नगर, राज्य या राष्ट्रीय चुनावों में अपना वोट डालने के दौरान भारतीय नागरिकों के पहचान प्रमाण के रूप में किया जाता है। मतदाता पहचान पत्र का प्रयोग पहचान, पता और ड्राइवरी लाइसेंस जैसे कई उपयोगी कार्यो के लिए भी किया जाता है।
7. अनुच्छेद 370 क्या है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता दी गई है। यह अनुच्छेद राज्य को विशेष दर्जा देता है: इस अनुच्छेद के अन्तर्गत कश्मीर के निवासियों की नागरिकता, संपत्ति स्वामित्व और अन्य अधिकारों के मामले में अलग कानून बनाए गए हैं। वित्त, रक्षा, संचार और विदेशी मामलों को छोड़कर, केंद्र सरकार को अन्य सभी कानूनों को लागू करने के लिए राज्य सरकार की सर्वसम्मति की आवश्यकता होती है।
8. एक राजनीतिक दल कैसे पंजीकृत होता है?
एक राजनीतिक दल के रूप में पहचान बनाने की दिशा में पहला कदम भारत निर्वाचन आयोग में पंजीकृत करना है। किसी भी पार्टी के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य है, जिसके बाद ही वह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का लाभ उठा सकता है।
9. मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया क्या है
विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद जिस राजनैतिक दल या गठबंधन को बहुमत प्राप्त होता है उसके विधायक पार्टी बैठक में किसी एक नेता के नेतृत्व में सरकार बनाने की घोषणा करते है जिसकी नियुक्ति राज्यपाल करता है।
10. ईवीएम क्या हैं?
चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाने और वोटों की निष्पक्ष गिनती सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की शुरुआत की गई हैं। ईवीएम पुराने पेपर मतपत्र प्रणाली की अपेक्षा काफी बेहतर साबित हुए हैं।
11. सरकार के लिए बाहरी समर्थन क्या है?
बाहरी समर्थन का अर्थ है किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करना जिसके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त करने का अवसर है, लेकिन कोई भी पद लेने और उस सरकार में शामिल हुए बिना बाहरी समर्थन प्रदान करना है।
12. एक क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय / राज्य पार्टी कैसे बन सकती है?
एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पहचाने जाने योग्य हो सकती है यदि वह निम्न में से किसी भी नियम को पूरा करने में सक्षम है:
- क्षेत्रीय पार्टी कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से हालिया लोकसभा (11 सीटें) में 2% सीटें जीतने में सक्षम रही हो।
- लोकसभा या विधानसभा के चुनाव में, यदि क्षेत्रीय पार्टी 4 लोकसभा सीटें जीतने में सक्षम हो और कम से कम चार राज्यों में कुल वैध वोटों में से 6% मतदान कर चुकी हो।
- क्षेत्रीय पार्टी को देश के कम से कम चार राज्यों में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त हो।
मतदाता भारत के नागरिक है जो मतदान करने के पात्र हैं। इसकी तीन मुख्य श्रेणियाँ हैं।
1. सामान्य मतदाता - भारत के निवासी जो मतदान केंद्र में मतदान कर सकते हैं।
2. सेवा मतदाता- भारत के निवासी जो भारत सरकार के लिए अपने घर से दूर हैं या सशस्त्र बलों में हैं।
3. विदेशी मतदाता- गैर-आवासीय भारतीय जिन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है।
14. कौन सामान्य निर्वाचक के रूप में पंजीकृत होने के पात्र होते हैं?
एक सामान्य मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य होने के लिए, व्यक्ति को होना चाहिए:
वह भारत का नागरिक हो,
मतदाता की सूची के सशोधन वाले वर्ष के पहले दिन तक उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो।
भारत का निवासी होना चाहिए,
भारत के जिस चुनावी क्षेत्र में वह निवास करता हो वहाँ की मतदाता सूची में उसे पंजीकृत होना चाहिए।
15. प्रारूप 6 क्या है?
प्रारूप 6 भारतीय नागरिकों के लिए भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया एक आवेदन पत्र है जिसे भरकर आप मतदाता सूची की पंजीकृत हो सकते हैं।
यह आवेदन पत्र आमतौर पर उस क्षेत्र के लिए भरा जाता है जिस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता निवास करता हो।
16. प्रारूप 6 कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
प्रारूप 6 प्राप्त करने के दो तरीके हैं-
भारत के निर्वाचन आयोग (www.eci.nic.in/) की वेबसाइट पीडीएफ प्रारूप में है। इसे आसानी से डाउनलोड और प्रिंटेड किया जा सकता है।
जिस क्षेत्र में मतदाता निवास करता है वहाँ के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी या मतदान क्षेत्र के सहायक या बूथ स्तर अधिकारी के कार्यालय में भी प्रारुप 6 उपलब्ध है। इस प्रारुप को प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क देय नहीं है।
17. प्रारूप 6 के साथ कौन से प्रपत्रों को संलग्न करने आवश्यकता होती है?
प्रारूप 6 भरते समय मतदाता को कुछ प्रपत्रों को साथ में जमा करने की आवश्यकता होती है।
आवश्यक प्रपत्रों की एक सूची यहाँ दी गई है-
1. हाल ही में (नई) ली गई एक पासपोर्ट साइज फोटो (फॉर्म में प्रदान की गई जगह में चिपकानी चाहिए)।
2. आयु प्रमाण की फोटोकॉपी (जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल मार्क शीट या प्रवेश पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस, जो जन्मतिथि की तारीख का उल्लेख करता हो)
3. निवास प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी (डाकघर या बैंक द्वारा जारी वर्तमान पास बुक, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, आयकर निर्धारण आदेश, भारतीय डाक विभाग, हालिया टेलीफोन बिल, गैस या बिजली बिल और नवीनतम किराया अनुबंध)।
18. क्या भारत का गैर-नागरिक भारत में चुनाव लड़ सकता है?
नहीं, एक गैर भारतीय नागरिक, भारत का चुनावी उम्मीदवार नहीं हो सकता है। संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के अनुसार, संसद की सीट के लिए केवल भारत का ही नागरिक चुना जा सकता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 173 (ए) में दिए गए प्रावधानों के अनुसार राज्य विधान सभाओं के लिए भी यही नियम है।
19. प्रवासी (एनआरआई) मतदाता कौन है?
काम, शिक्षा या किसी अन्य कारण के लिए देश के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को विदेशी (एनआरआई) मतदाताओं के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं। ऐसे अनिवासी भारतीयों को केवल मतदाताओं के रूप में ही वर्गीकृत किया गया हैं अगर उन्होंने किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है तो।
20. क्या विदेशी भूमि पर बसे हुए एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भारत में निर्वाचक नामावली के निर्वाचक हो सकते हैं?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (धारा 20 ए) में एक प्रावधान है, जिसमें कहा गया है कि "एक विदेशी भूमि में एक अनिवासी भारतीय भारत में निर्वाचक नामावली का निर्वाचक हो सकता है’’। एनआरआई के पास एक वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए जो भारत में उसके निवास स्थान का उल्लेख करता हो।
21. क्या भारत का गैर-नागरिक भारत में निर्वाचक नामावलियों में मतदाता हो सकता है?
नहीं, भारत में मतदान केवल भारत के नागरिकों तक ही सीमित है। दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को भारतीय निर्वाचन में में वोट देने या पंजीकरण करने का अधिकार नहीं हैं। ऐसे लोग जो पहले भारतीय नागरिक थे, लेकिन अब उन्होनें किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है तो उन्हें भी यह अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
22. मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के योग्य कौन है?
भारत में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने की पात्रता निम्नलिखित है-
वह भारत का नागरिक होना चाहिए
निर्वाचक नामावली के अनुसार उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
वर्तमान समय में वह जिस स्थान पर निवास करता हो, उसके पास वहां का निवास प्रामणपत्र होना चाहिए।
23. नोटा क्या है?
नोटा ‘‘इनमें से कोई नहीं" का संकेत है। इसे हाल ही में भारत के निर्वाचन आयोग ने जारी किया है। 27 सितंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, पूरे भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में उम्मीदवारों की सूची के अंत में "उपरोक्त में से कोई नहीं" नोटा का विकल्प दिया गया है। इसका प्रयोग वे मतदाता करते है जिनके पास वोट डालने का तो अधिकार है लेकिन वे किसी भी उम्मीदवार को योग्य नहीं मानते है।
24. वीवीपीएटी क्या है?
वीवीपीएटी मतदाता सत्यापन योग्य कागज लेखपरीक्षा चिन्ह प्राणाली के लिए एक संक्षिप्त शब्द है। यह एक मशीन है मतदाता जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में अपना वोट डालते है, उसके बाद इस मशीन से एक पर्ची निकलती है। यह पेपर पर्ची उम्मीदवार और चुनाव चिन्ह को दर्शाती हैं कि मतदाता ने अपना वोट किसको दिया है।
25. क्या कारागार में बंद व्यक्ति चुनावों में मतदान कर सकता है?
नहीं, कारागार में बंद व्यक्ति भारतीय चुनाव में मतदान नहीं कर सकता है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार, धारा 62 (5), जेल में बंद व्यक्ति ‘‘कारावास या परिवहन, अन्यथा पुलिस की वैध हिरासत में सजा के तहत’’ चुनाव में वोट डालनें का अधिकार नहीं हैं।
26. चुनाव के लिए कितनी सुरक्षा जमा राशि की आवश्यकता होती है?
एक आम उम्मीदवार को लोकसभा चुनाव के लिए पच्चीस हजार रुपये (25,000 रुपये) की सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना पड़ता है। केवल अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति (अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति) के उम्मीदवारों को 12 हजार पांच सौ रुपये (केवल 12,500 रुपये) की छूट दी जाती हैं।
27. किन उम्मीदवारों को जमा राशि खोनी पड़ती है?
ऐसे उम्मीदवारों ‘‘जो निर्वाचन क्षेत्र में मतदान किए गए वैध वोटों में से, कम से कम छठे हिस्से को प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं’’ उनको अपनी जमा सुरक्षा राशि खोनी पड़ती हैं।
28. क्या उम्मीदवार अपने चुनाव में मन मुताबिक पैसा खर्च करने के लिए स्वतंत्र है?
नहीं, कोई भी उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार पर मन मुताबिक पैसा खर्च नहीं कर सकता है। चुनाव नियमावली 1961, के नियम 90 के उम्मीदवारों के खर्चे का उल्लेख करता हैं। निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने वाले उम्मीदवार को, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (6), के तहत भ्रष्ट करार दिया जाता है।
29. क्या कोई भी व्यक्ति एक से अधिक बार वोट कर सकता है, यदि उसका नाम एक से अधिक स्थानों पर (गलत तरीके से) शामिल हो?
नहीं, एक बार से अधिक मतदान करना कानूनन अपराध है, भले ही एक मतदाता का नाम एक से अधिक स्थानों पर गलती से या गलत तरीके से पंजीकृत हो।
30. यदि कोई उम्मीदवार निर्वाचन में अपने खर्च का ब्यौरा दर्ज नहीं करता है, तो जुर्माना क्या है?
अगर उम्मीदवार निर्वाचन नियमावली को अपने खर्च का ब्यौरा नहीं देता है तो 3 साल की अवधि के लिए उसकी ‘‘संसद भवन, विधानसभा और राज्य विधान परिषद की’’ सदस्यता भंग कर दी जाती है।
31. राजनीतिक दल पंजीकरण के लिए क्या प्रक्रिया है?
राजनीतिक दल पंजीकरण की प्रक्रिया निम्नानुसार है-
1.चुनाव आयोग नई राजनीतिक दलों के लिए एक निर्देशन पत्र जारी करता है। इसे आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या नई दिल्ली में स्थित आयोग कार्यालय से व्यक्तिगत रूप से प्राप्त किया जा सकता है।
2. आवेदन निर्धारित निर्देशन पत्र के अनुसार होना चाहिए, जो राजनीतिक पार्टी के लेटर हेड पर अच्छी तरह से टाइप किया गया हो।
3. आवेदन 10,000 / - रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ होना चाहिए, जो गैर-वापसी योग्य प्रसंस्करण शुल्क है। आवेदन ड्राफ्ट भारत, नई दिल्ली के सचिव चुनाव आयोग के अनुसार होना चाहिए।
4. आवेदन में पार्टी के नियमों और विनियमों की सूची, सदस्यों और उनके विवरण, बैंक खाते के विवरण, पार्टी के नाम पर जारी पैन नंबर और उनके नियोजन का ज्ञापन में उल्लेख करना चाहिए।
5. आवेदन और संबंधित दस्तावेजों को पार्टी के गठन तिथि से 30 दिनों के भीतर ही भारत के निर्वाचन आयोग के सचिव के पास जमा कराया जाना चाहिए।
32. पार्टी की स्वीकृति के लिए मानदंड क्या हैं?
राज्य स्तर पर एक राजनीतिक दल की मान्यता के लिए मानदंड इस प्रकार है-
पार्टी को लगातार पांच साल तक राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय होना चाहिए।
पार्टी विधानसभा या राज्य की विधान परिषद में प्रतिनिधित्व का एक अहम हिस्सा होना चाहिए।
पिछले आम चुनाव में पार्टी को वैध वोटों की कुल संख्या में से कम से कम छह प्रतिशत तक वोट प्राप्त होना चाहिए।
राष्ट्रीय स्तर पर एक राजनीतिक दल की मान्यता के लिए मानदंड इस प्रकार है –
पार्टी को कम से कम चार भारतीय राज्यों में मान्यता प्राप्त हो और नियमित रूप से राजनीतिक गतिविधि में शामिल होती हो।
33. ईसीआई की क्या भूमिका हैं?
भारत का निर्वाचन आयोग देश के संविधान के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है जिसका गठन देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। चुनाव को सुनिश्चित करने में इसकी कई भूमिकाएं होती है इसका उद्देश्य भारत के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में शंति पूर्ण तरीके से चुनाव कराना हैं। ईसीआई की भूमिकाओं की एक सूची यहां पर दी गई है-
निर्वाचन नियमावली के पंजीकरण का अनुरक्षण करना।
मतदाताओं को अपने अधिकारों और मतदान की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करना।
राजनीतिक दलों का पंजीकरण।
राजनीतिक दलों के लिए कानूनों का विनियमन।
मतदान क्षेत्रों और निर्वाचन क्षेत्रों को जारी करना और उनकी गणना करना।
प्रत्येक मतदान केंद्र और क्षेत्र में काम कर रहे अधिकारियों की नियुक्ति और अनुरक्षण करना।
मतदान के तकनीकी पहलुओं का प्रबंधन।
34. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव कौन करता है?
राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा चुने हुए प्रत्याशियों (विधायक) द्वारा किया जाता है। यह चुनाव प्रणाली "हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व" है।
35. पहले आम चुनाव में लोकसभा की कुल कितनी संख्या थी?
पहले आम चुनाव में लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या 489 थी।
स्रोत लिंक: https://www.eci.nic.in/eci_main1/FAQs_25102013.aspx
Last Updated on September 26, 2018