भारत निर्वाचन आयोग





भारत निर्वाचन आयोग के बारे में

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) भारत के संविधान में वर्णित नियमों और अधिनियमों के अनुसार एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में चुनाव प्रशासन के लिए उत्तरदायी है। इसे 25 जनवरी 1950 को विभिन्न स्तरों पर आयोजित चुनावों की प्रक्रिया को परिभाषित और नियंत्रित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था: संसद, राज्य विधानसभा और भारत के राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के कार्यालय। दूसरे शब्दों में, ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) लोकतंत्र की सुचारु और सफल कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करता है।

भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका

भारत निर्वाचन आयोग की मुख्य भूमिकाओं में सबसे पहली महत्वपूर्ण चुनौती देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए मानदंडों और आचार संहिता को लागू करना है। इतिहास के द्वारा इसका अस्तित्व और स्वतंत्रता बहुत आवश्यक है, जिसने प्रदर्शित किया है कि लोकतांत्रिक चुनाव हिंसा से मुक्त नहीं हैं। चुनाव के अंतिम दौर में, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की देखरेख करने तथा उल्लंघनों के मामले में उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग का ढाँचा

आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है जिसमें 300 अधिकारी हैं। इस सचिवालय में उप चुनाव आयुक्त और महानिदेशक वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। भारत का राष्ट्रपति भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को नियुक्त करता है, जो छह वर्ष तक कार्यकाल संभालता है तथा 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाता है। आमतौर पर आयुक्त सिविल सेवा का सदस्य होता है और अक्सर भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) या भारतीय राजस्व सेवाओं (आईआरएस) में सेवारत होता है। आयुक्त के द्वारा दोष पाए जाने पर उसे कार्यकाल के बीच से हटाया जा सकता है, जिसमें संसद का निर्णय आवश्यक है। भारत का राष्ट्रपति मुख्य आयुक्त की सिफारिश पर अन्य अधिकारियों को उनके पद से हटा सकता है।

भारत निर्वाचन आयोग के कार्य और अधिकार

निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्य निम्नामुसार हैं:
  • भारत निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का संरक्षक माना जाता है।
  • यह राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए प्रत्येक चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू करता है ताकि लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बनाए रखा जा सके।
  • यह राजनीतिक दलों को नियंत्रित करता है और उम्मीदवारों की योग्यता को पंजीकृत करता है।
  • यह सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के चुनावी अभियान के व्यय की अनुमति सीमा को सार्वजनिक करता है और इसे अपनी निगरानी में भी रखता है।
  • राजनीतिक दलों को अंशदान पर कर लाभ प्राप्त करने के लिए ईसीआई के समक्ष अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
  • यह निश्चित करता है कि सभी राजनीतिक दल नियमित रूप से अपनी लेखापरीक्षित वित्तीय रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।


निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित कुछ अधिकार निम्नानुसार हैं:
  • आयोग जनमत सर्वेक्षणों के परिणामों का अवरोध कर सकता है लेकिन तभी जब इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र के कारण उपयुक्त हो।
  • आयोग चुनाव के बाद सदस्यों की अयोग्यता पर सलाह दे सकता है यदि आयोग को लगता है कि उन्होंने कुछ दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है।
  • यदि चुनाव के दौरान उम्मीदवार भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है, तो सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय आयोग से परामर्श लेते हैं।
  • आयोग उन उम्मीदवारों को निलंबित कर सकता है जो समय पर अपने चुनाव व्यय की धनराशि जमा नहीं करते हैं।


निर्वाचन आयोग द्वारा की गई नई पहल

चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न उन्नति और सुधार लाने के लिए, ईसीआई ने कई कदम उठाए हैं। उनमें से कुछ निम्नानुसार हैं:
  • विश्वसनीयता और दक्षता में सुधार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) लागू की गईं। ईवीएम की मदद से, मतपत्रों की गणना के संबंध में किसी भी विसंगतियों की संभावना लगभग शून्य है। इसके अतिरिक्त, इस प्रौद्योगिकी की पहल से तुरंत निर्णय लेना संभव हो गया है तथा परिणाम घोषित करने में केवल तीन से चार दिन ही लगते हैं।
  • ईसीआई की वेबसाइट को चुनाव की सटीक जानकारी तथा तत्काल परिणाम प्राप्त करने के लिए इसे 28 फरवरी 1998 लॉन्च किया गया था।
  • मतदान फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) चुनावी घोटालेबाजी को रोकने के लिए 1993 में जारी किए गए थे। इन्हें 2004 के चुनावों से अनिवार्य कर दिया गया था।


ईसीआई द्वारा हाल के वर्षों में कुछ और पहल की गई हैं:
  • राज्य के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारण के लिए नए दिशानिर्देश।
  • राजनीति में अपराधिकरण के उदाहरणों का निरीक्षण।
  • कम्प्यूटरीकृत मतदाता तालिका।
  • खाते का रखरखाव और फाइलिंग का सरलीकरण।
  • आदर्श आचार संहिता के बेहतर प्रवर्तन के लिए उपाय।
  • भारत में चुनावों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और निष्पक्ष मीडिया कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त आचार संहिता, इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रयोग पर योजना बनाना है।



बजट और व्यय

आयोग सचिवालय का अपना एक स्वतंत्र बजट होता है जिसे भारत का निर्वाचन आयोग और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाता है। चुनाव आयोग की सिफारिशें आम तौर पर वित्त मंत्रालय द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। निर्वाचनों के वास्तविक संचालन पर मुख्य व्यय, संघ राज्यों तथा संघ षासित क्षेत्रों की संबंधित घटक इकाईयों के बजट में प्रतिबिंबित किया जाता है।संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चुनावों में होने वाले व्यय का प्रबंधन करना होता है, लेकिन केंद्र सरकार पूरी तरह लोकसभा (संसदीय) चुनावों का खर्चा उठाती है। विधायी विधानसभा चुनावों के मामले में, संबंधित राज्य खर्च उठाता है। संसदीय एवं राज्य विधान मंडल के निर्वाचन साथ-साथ होने की स्थिति में, केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच व्यय की समान रूप से हिस्सेदारी होती है।

पता और संपर्क विवरण

भारत निर्वाचन आयोग
निर्वाचन सदन
अशोक रोड, नई दिल्ली 110001
दूरभाष: 011-23717391
फैक्स: 011-23713412
ईमेल: [email protected]
भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट: http://eci.nic.in/

भारत निर्वाचन आयुक्तों से संपर्क विवरण इस प्रकार है:

सुनील अरोरा भारत के वर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं।
नामपदईमेलऑफिस नम्बरऑफिस फैक्स
श्रीमान सुनील अरोरामुख्य निर्वाचन आयुक्तउपलब्ध नहीं2,30,52,13,72,30,52,13023052139
श्री अशोक लवासाचुनाव आयुक्तउपलब्ध नहीं2,30,52,13,22,30,52,13023052249
श्री संदीप सक्सेनाउप चुनाव आयुक्तउपलब्ध नहीं2,30,52,02,32,30,52,02023052025
श्री उमेश सिन्हाउप चुनाव आयुक्तउपलब्ध नहीं2,30,52,08,12,30,52,22023052227
श्री सुदीप जैनउप चुनाव आयुक्तउपलब्ध नहीं2305223223052234
श्री चंद्र भूषण कुमारउप चुनाव आयुक्तउपलब्ध नहीं23052135उपलब्ध नहीं
श्री दिलीप शर्मामहानिदेशकउपलब्ध नहीं2,30,52,03,22,30,52,090उपलब्ध नहीं
श्री धीरेंद्र ओझामहानिदेशकउपलब्ध नहीं2305201523052203


भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों की सूची

क्रम संख्यानामकार्यकाल
1ओम प्रकाश रावत23 जनवरी, 2018 से 1 दिसंबर, 2018 तक
1अचल कुमार ज्योति 6 जुलाई, 2017 से 23 जनवरी, 2018 तक
2नसीम जैदी19 जनवरी, 2015 से 5 जुलाई, 2017 तक
3एच. एस. ब्रह्मा16 जनवरी, 2015 से 18 अप्रैल, 2015 तक
4वी. एस. संपत11 जून, 2012 से 15 जनवरी, 2015 तक
5एस. वाई. कुरैशी30 जुलाई, 2010 से 10 जून, 2012 तक
6नवीन चावला21 अप्रैल 200 9 से 29 जुलाई, 2010 तक
7एन. गोपालस्वामी30 जून, 2006 से 20 अप्रैल, 2009 तक
8बी. बी. टंडन16 मई, 2005 से 29 जून, 2006 तक
9टी. एस. कृष्णमूर्ति8 फरवरी 2004 से 15 मई 2005 तक
10जे. म. लिंगदोह14 जून 2001 से 7 फरवरी, 2004 तक
11एम. एस. गिल12 दिसंबर, 1996 से 13 जून, 2001 तक
12टी. एन. शेषन12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक
13वी. एस. रमादेवी26 नवंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1990 तक
14आर. वी. एस. पेरी शास्त्री1 जनवरी, 1986 से 25 नवंबर, 1990 तक
15आर. के. त्रिवेदी18 जून, 1982 से 31 दिसंबर, 1985 तक
16एस. एल. शकधर18 जून, 1977 से 17 जून, 1982 तक
17टी. स्वामीनाथन7 फरवरी, 1973 से 17 जून, 1977 तक
18नगेन्द्र सिंह1 अक्टूबर, 1972 से 6 फरवरी, 1973 तक
19एस. पी. सेन वर्मा1 अक्टूबर, 1967 से 30 सितंबर, 1972 तक
20कल्याण सुंदरम20 दिसंबर, 1958 से 30 सितंबर, 1967 तक
21सुकुमार सेन21 मार्च, 1950 से 19 दिसंबर, 1958 तक


भारत के राज्य निर्वाचन आयोग
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Last Updated on December 03, 2018