
देखना ये है कि कौन सी परिस्थितियां डॉ. रमन सिंह को इस निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल करने से वंचित कर सकती हैं। डॉ. रमन सिंह ने क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं। यदि हम यह कहें कि क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों में किए गए विकास इस राजनेता के कारण हैं, तो यह गलत नहीं होगा। डॉ. सिंह को उनकी संगठनात्मक क्षमताओं के लिए प्रशंसा प्राप्त हुई है, जैसा कि एससी और एसटी की स्थिति में सुधार के लिए कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के संबंध में उनके राज्य की स्थिति से प्रतिबिंबित होता है। आपको बता दें कि उनके नेतृत्व के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में किए गए कार्यों और राज्य के वित्तीय प्रबंधन को संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा है। इसके अलावा उनके द्वारा क्षेत्र में कृषि, शिक्षा, आदिवासी क्षेत्रों, महिलाओं, बच्चों, किसानों और युवाओं के विकास पर भी विशेष जोर दिया गया था। हालांकि विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि युवा अभी भी नौकरियां पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हालांकि भाजपा के हिंदूवाद ने इस क्षेत्र और छत्तीसगढ़ में गहरी पैठ बनाई है, लेकिन एससी-एसटी कानून द्वारा उत्पन्न पीड़ा भाजपा को नुकसान पहुँचा सकती है और साथ ही डॉ. रमन सिंह पर भी कुछ हद तक इसका प्रभाव पड़ सकता है। इस क्षेत्र में कांग्रेस के भी अच्छे प्रदर्शन की संभावना है। राजनंदगांव जिले में लगभग 1537133 जनसंख्या के साथ 75.96% की अच्छी साक्षरता दर है, इसलिए सामान्य मुद्दों पर जनता के फैसले में हेरफेर करना मुश्किल होगा।
वर्ष 2003 में कांग्रेस उम्मीदवार उदय मुडलियार ने भाजपा उम्मीदवार लीलाराम भोजवानी को हराकर महज 40 मतों के अंतर से सीट जीती। इसलिए, कोई आश्चर्य की बात नहीं यदि इस बार भी कांग्रेस सत्ता में लौट सकती है।
Last Updated on October 29, 2018